कीटो डाइट: वजन घटाने और ऊर्जा बढ़ाने का प्रभावी तरीका
तो कीटो डाइट एक लो काप डाइट होती है और इस डाइट में बॉडी लीवर में कीटोस प्रोड्यूस करती है जिन्हें एनर्जी के फॉर्म में यूज किया जाता है यह समझना थोड़ा मुश्किल लगा ना तभी तो कहती हूं कि पोस्ट को पूरा जरूर देखिए ताकि सब कुछ आसानी से समझ आ जाए तो कीटो डाइट जिसे कीटो जनिक डाइट लो काप डाइट और लो काप हाई फैट डाइट जैसे नामों से भी जाना जाता है उसमें कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा बहुत ही कम ली जाती है कार्बोहाइड्रेट्स या कार्ब्स शुगर मॉलिक्यूल होते हैं प्रोटीन और फैट्स के साथ यह भी ऐसे मेन न्यूट्रिएंट है जो हमें फूड और ड्रिंक्स से मिलते हैं
हमारी बॉडी कार्बोहाइड्रेट्स को ग्लूकोज में तोड़ती है और यह ग्लूकोज जिसे ब्लड शुगर भी कहते हैं यह हमारी बॉडी की सेल्स टिशूज और ऑर्गन्स के लिए एनर्जी का मेन सोर्स होता है और जब बॉडी कार्ब्स को ग्लूकोज में तोड़ देती है उसके बाद पैंक्रियास इंसुलिन हार्मोन रिलीज करता है जो ग्लूकोज को अब्जॉर्ब करने में सेल्स की मदद करता है जिन फूड आइटम्स में शुगर होती है वो कार्बोहाइड्रेट्स रिच होते हैं जैसे फ्रूट्स वेजिटेबल्स मिल्क प्रोसेस्ड फूड डिजर्ट्स और कैंडी और जिन फूड आइटम्स में स्टार्च होता है वह भी कार्बोहाइड्रेट रिच होते हैं जैसे ब्रेड पास्ता सीरियल पोटेटो पीज और कॉर्न तो इसी तरह फाइबर से भरपूर फ्रूट्स वेजिटेबल्स नट्स सीड्स बींस और होल ग्रेंस भी कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं
What is Keto Diet ?
कीटो डाइट के बारे में जानना थोड़ा पेचीदा हो सकता है, लेकिन इसे सही तरीके से समझना बेहद फायदेमंद है। कीटो डाइट या कीटोजेनिक डाइट एक लो-कार्ब, हाई-फैट डाइट है जिसमें शरीर कार्बोहाइड्रेट्स की बजाय फैट का इस्तेमाल ऊर्जा के रूप में करता है। इसे लो कार्बोहाइड्रेट डाइट और हाई फैट डाइट के नाम से भी जाना जाता है। इस डाइट का उद्देश्य शरीर को कीटोसिस (Ketosis) नामक मेटाबॉलिक स्टेट में लाना है। आइए इस डाइट के बारे में विस्तार से समझते हैं।
कीटो डाइट क्या है?
कीटो डाइट एक ऐसी डाइट है जिसमें आप अपनी रोजमर्रा की खाने की आदतों में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा को बहुत कम कर देते हैं और फैट की मात्रा को बढ़ा देते हैं। आम तौर पर हमारे शरीर की ऊर्जा का मुख्य स्रोत ग्लूकोज होता है, जो हमें कार्ब्स से मिलता है। लेकिन जब हम कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन कम कर देते हैं, तो हमारे शरीर को ऊर्जा के लिए दूसरे स्रोत की जरूरत पड़ती है। इस समय शरीर लीवर में फैट को कीटोन्स में बदल देता है, जो ऊर्जा का नया स्रोत बनता है।
कीटोसिस क्या है?
जब आप बहुत कम कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन करते हैं, तो आपके शरीर को अपनी ऊर्जा की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दूसरे स्रोत की जरूरत होती है। इस स्थिति में शरीर फैट को तोड़कर कीटोन्स बनाता है, जिसे ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रोसेस को कीटोसिस कहते हैं। कीटोसिस की स्थिति में शरीर ऊर्जा के लिए ग्लूकोज की बजाय फैट्स पर निर्भर करता है।
कीटो डाइट कैसे काम करती है?
कीटो डाइट में, आप अपने आहार से अधिकांश कार्बोहाइड्रेट्स को हटा देते हैं और उनकी जगह फैट का सेवन बढ़ाते हैं। जब शरीर को पर्याप्त मात्रा में कार्ब्स नहीं मिलते, तो यह फैट को तोड़कर कीटोन्स बनाता है। कीटोन्स रक्त के माध्यम से शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुंचते हैं और ऊर्जा का मुख्य स्रोत बन जाते हैं।
जब आपका शरीर कीटोसिस में होता है, तो यह एक अलग मेटाबोलिज्मिक स्टेट में चला जाता है जहां यह ग्लूकोज की बजाय कीटोन्स से एनर्जी प्राप्त करता है। इस स्थिति में आपका शरीर अधिक तेजी से फैट बर्न करता है, जो वजन घटाने के लिए फायदेमंद होता है।
कीटो डाइट के फायदे
- वजन घटाना: कीटो डाइट को वजन घटाने के लिए बेहद प्रभावी माना जाता है। क्योंकि आपका शरीर कीटोन्स पर निर्भर हो जाता है, जिससे फैट अधिक तेजी से बर्न होता है।
- बढ़ी हुई ऊर्जा: कार्बोहाइड्रेट्स की जगह फैट और कीटोन्स से ऊर्जा प्राप्त करने पर शरीर को अधिक स्थिर ऊर्जा मिलती है, जिससे आप दिन भर ज्यादा एक्टिव महसूस करते हैं।
- ब्लड शुगर कंट्रोल: कीटो डाइट ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती है, खासकर डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए। क्योंकि इसमें कार्ब्स की मात्रा कम होती है, जिससे इंसुलिन का स्तर संतुलित रहता है।
- मेंटल क्लैरिटी: कई लोग कीटो डाइट पर मेंटल क्लैरिटी और फोकस में सुधार का अनुभव करते हैं क्योंकि कीटोन्स मस्तिष्क के लिए एक साफ और प्रभावी ईंधन होते हैं।
कीटो डाइट में किन चीजों का सेवन करें?
कीटो डाइट में आपको ऐसे आहार का सेवन करना होता है जिसमें कम कार्बोहाइड्रेट्स और अधिक फैट्स हों। इसके लिए आप निम्नलिखित चीज़ों का सेवन कर सकते हैं:
- – फैट रिच फूड्स: एवोकाडो, मक्खन, नारियल का तेल, जैतून का तेल, पनीर, अंडे, फैटी फिश (जैसे सैल्मन, टूना)।
- – लो-कार्ब सब्ज़ियाँ: पालक, केल, ब्रोकोली, गोभी, जुकिनी, बेल पेपर।
- – मीट और पोल्ट्री: चिकन, बीफ, पोर्क, लैम्ब।
- – सी फूड: मछली और शेलफिश।
- – नट्स और सीड्स: अलमंड्स, अखरोट, फ्लैक्ससीड, चिया सीड्स।
- – बेरीज़: स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी (कम मात्रा में)।
कीटो डाइट में किन चीजों से बचें?
कीटो डाइट में निम्नलिखित चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए:
- – शुगर और मिठाइयाँ: केक, कैंडी, चॉकलेट, सोडा।
- – स्टार्च रिच फूड्स: राइस, पास्ता, ब्रेड, आलू।
- – प्रोसेस्ड फूड्स: पैकेज्ड स्नैक्स, जंक फूड।
- – हाई-कार्ब फ्रूट्स: केले, सेब, संतरा।
- – एल्कोहल: अधिकांश एल्कोहल ड्रिंक्स में शुगर होती है, जिससे कीटोसिस टूट सकती है।
कीटो डाइट के संभावित नुकसान
हालांकि कीटो डाइट के कई फायदे हैं, लेकिन इसके कुछ संभावित नुकसान भी हो सकते हैं:
- कीटो फ्लू: डाइट की शुरुआत में, कुछ लोग कीटो फ्लू के लक्षण महसूस कर सकते हैं, जिसमें सिर दर्द, थकान, चक्कर आना और मतली शामिल हो सकते हैं।
- न्यूट्रिएंट की कमी: कीटो डाइट में कुछ प्रकार के फलों और सब्ज़ियों को हटाने से विटामिन और मिनरल्स की कमी हो सकती है।
- पाचन संबंधी समस्याएं: लो-फाइबर डाइट की वजह से कब्ज या अन्य पाचन समस्याएं हो सकती हैं।
- हृदय रोग का जोखिम: अधिक फैट सेवन के कारण लंबे समय तक कीटो डाइट का पालन करने से कुछ लोगों में हृदय रोग का जोखिम बढ़ सकता है। इसलिए हमेशा स्वस्थ फैट का चयन करना महत्वपूर्ण होता है।
क्या कीटो डाइट आपके लिए सही है?
कीटो डाइट हर व्यक्ति के लिए उपयुक्त नहीं होती है। अगर आपको किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या है, तो इस डाइट को अपनाने से पहले डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लेना बेहतर होता है। विशेष रूप से अगर आपको हृदय रोग, टाइप 1 डायबिटीज, या किडनी की समस्या है, तो कीटो डाइट आपके लिए हानिकारक हो सकती है।
निष्कर्ष
कीटो डाइट वजन घटाने और ऊर्जा बढ़ाने के लिए एक लोकप्रिय तरीका है, लेकिन इसे सही तरीके से समझना और अपने शरीर की जरूरतों के अनुसार अपनाना जरूरी है। अगर आप कीटो डाइट को अपनाना चाहते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आप स्वस्थ फैट्स का सेवन करें, और किसी विशेषज्ञ से सलाह लेकर ही इसे शुरू करें।
इस प्रकार, कीटो डाइट आपके लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन इसे समझदारी से अपनाने की जरूरत होती है।