दिमाग कमजोर होने के कारण , लक्षण व इलाज़ | Buddhist Story On mindset :- नमो बुद्धाय दोस्तों हर व्यक्ति अपने दिमाग को तेज व तंदुरुस्त बनाना चाहता है परंतु कुछ लोग दैनिक जीवन में कुछ ऐसी गलत आदतें अपना लेते हैं जिनके कारण दिन प्रतिदिन उनका दिमाग कमजोर होता चला जाता है उनकी यादाश्त में कमी आ जाती है
वे छोटी-छोटी बात को बहुत जल्दी भूलना शुरू कर देते हैं अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी दिमागी बीमारियां पास आने लगती हैं इसके साथ ही उनके स्वभाव में चिड़चिड़ापन भी आ जाता है आइए जानते हैं वो 10 गलत आदतें जिनकी वजह से दिमाग कमजोर हो जाता है
सबसे पहला है देर रात तक जागना
दोस्तों कुछ लोग देर रात तक मोबाइल या लैपटॉप चलाते रहते हैं इससे उनके दिमाग पर काफी बोझ पढ़ता है और धीरे-धीरे कमजोर होने लग जाता है अगर आप देर रात तक चैटिंग करते हैं तो इसका सीधा प्रभाव आपके दिमाग पर पड़ सकता है
दूसरा है धुम्रपान करना
दोस्तों धुम्रपान आपके जीवन को कम करता है साथ ही आपके दिमाग को भी कमजोर बनाता है मैगलन यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि स्मोकिंग से काटेक्स पर असर पड़ता है जो आपकी यादा शक्ति और लैंग्वेज स्किल के लिए खतरनाक है
तीसरा पॉइंट है नाश्ता नहीं लेना
दोस्तों ऑफिस या स्कूल पहुंचने और जल्दी जल्दी काम निपटाने के चक्कर में में नाश्ता नहीं करने की आदत बहुत ही हानिकारक है ब्रेकफास्ट से हमारी दिन की शुरुआत होती है और इसे छोड़ देने से आपके शरीर में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं जैसे यादाश्त कमजोर होना मोटापा कमजोर इम्युनिटी ब्लड शुगर आदि इन समस्याओं से बचने के लिए आपको नाश्ता जरूर लेना चाहिए जो प्रोटीन से भरपूर हो ताकि आप ऊर्जा से भरे रहे इसके बाद
एक अच्छी और पर्याप्त नींद ना लेना
स्वस्थ शरीर के लिए छ से आठ घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है हाल ही में एक शोध में बताया गया है कि जरूरत से ज्यादा या कम नींद के कारण मस्तिष्क की कोशिकाएं सिकुड़ने लगती हैं जिससे आपकी याददाश्त कमजोर होती है
पांचवा पॉइंट अत्यधिक तनाव लेना या कुछ भी गंभीरता से सोचना
जो लोग अपने दिमाग में छोटी-छोटी बातों को लेकर तनाव लेते हैं या किसी भी भविष्य के बारे में बहुत ही ज्यादा गंभीर होकर सोचती हैं उनका दिमाग धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है इसीलिए अपने दिमाग को ज्यादा स्ट्रेस नहीं देनी है और चिंता मुक्त रहने की कोशिश करनी है क्योंकि जो होना है वह तो होकर ही रहेगा अतः दिमाग को चिंता में रखने से कुछ भी हल निकलने वाला नहीं है
छठा पॉइंट है रोजाना व्यायाम ना करना
दोस्तों रोजाना व्यायाम ना करने से शरीर में आलस बढ़ता है और आलसी लोगों का दिमाग कम क्रिएटिव और कमजोर होता है इसीलिए हमें रोजाना व्यायाम करके अपने शरीर को स्वस्थ रखना है सातवां पॉइंट है जंग फूड का ज्यादा सेवन करना दोस्तों जैसा कि आप सब जानते ही हैं कि आज के युवा पीढ़ी ज्यादातर जंक फूड खाती है घर का बना हुआ खाना उन्हें पसंद नहीं आता एक्चुअली जंक फूड में एमएसजी नामक एनटी पाया जाता है ऐसे में यह दिमाग के न्यूरॉन रिसेप्टर्स को नुकसान पहुंचाता है ज्यादा मात्रा में जंक फूड खाने से सर दर्द उल्टी और कंफ्यूजन जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं तो इसको आपको बाय बाय करना होगा
नंबर आठवां पॉइंट दोस्तों पानी कम पीना
कम पानी पीने वाले लोगों की तुलना में सही मात्रा में पानी पीने वालों का दिमाग 14 प्र अच्छे से काम करता है ऐसा कहा जाता है कि अगर आप किसी जरूरी काम से जा रहे हैं या किसी परीक्षा में बैठे हैं तो पहले पानी पी लीजिए क्योंकि इससे आप चीजें भूलते नहीं है पानी से दिमाग ज्यादा देर तक काम कर पाता है
अगला है ईयरफोन से लगातार गाने सुनना दो
दोस्तों आपने कई सारे लोगों को ईयरफोन से तेज आवाज में गाने सुनते हुए देखा होगा लेकिन यह गलत है कान में ईयरफोन लगाकर लगातार गाने नहीं सुननी चाहिए अगर सुनने भी है तो धीमी आवाज में सुननी चाहिए तेज आवाज से कान तो खराब होगा ही साथ में ब्रेन टिशूज को भी नुकसान पहुंचता है लगातार ऐसा करने से अल्जाइमर की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है
10वां पॉइंट है अकेले रहने की आदत
दोस्तों कई लोगों की अकेले रहने की आदत होती है तथा उन्हें लोगों का साथ भी पसंद नहीं आता है ऐसे में ज्यादा से ज्यादा समय अकेले ही बिताना पसंद करते हैं ऐसा होने से दिमाग पर बुरा असर पड़ता है जिससे डिप्रेशन में जाने के चांसेस बढ़ जाते हैं
इसीलिए दोस्तों कुछ अच्छे दोस्त बनाइए अच्छे संगत पकड़िए उनके साथ हंसी और बोलिए हमेशा अपने आप को अकेले में मत समय दें दोस्तों कुछ ऐसी बुरी आदतें जो आज मैंने बताई है आपको बस को छोड़ना है और एक बेहतर और स्वस्थ जीवन जीना है
लेकिन यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि आपका दिमाग कैसे काम करता है अगर कोई भी लक्ष्य हासिल करना हो तो मस्तिष्क का सही रहना भी बहुत जरूरी है इसके लिए आपको खासकर अपने खानपान पर बहुत ध्यान देना है क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है नमो