नेगेटिव सोच को ख़त्म करना सिखायेगी ये कहानी | Buddhist Story on Learn to negative thinking
लोग क्या कहेंगे दोस्तों लोगों की बातों पर ध्यान मत दो जितने लोग हैं उतनी बातें होती रहेंगी और हम इस दुनिया में सभी को खुश नहीं कर सकते हैं आप अपने आज में खुश रहो अपने प्रेजेंट टाइम्स में खुश रहो आइए इसे एक छोटी सी कहानी के माध्यम से समझते हैं
यह कहानी एक राज्य में रहने वाले एक बूढ़े व्यक्ति और उसके बेटे के बारे में है जो जंगल की लकड़ी को बेचकर अपने जीवन का गुजारा करता था उसका एक लो अता बेटा था उस का बेटा सेना में जाता था और वह दोनों काफी गरीब थे
लेकिन वह जो बूढ़ा आदमी था वह अपनी अजीब बातों और अपने सफेद घोड़े के लिए जाना जाता था बूढ़े व्यक्ति के पास एक बहुत ही सुंदर सफेद घोड़ा था और पूरे राज्य में आसपास के राज्यों में भी इतना सुंदर घोड़ा किसी के पास भी नहीं था जिसके कारण राजा भी उस बूढ़े व्यक्ति से ईर्ष्या करता था कई अमीर लोगों ने उस घोड़े को खरीदने की कोशिश की राजा ने भी कई बार सोने के सिक्कों का दाम लगाया
लेकिन वह बूढ़ा आदमी किसी के भी लालच में नहीं आया वह बूढ़ा व्यक्ति हर किसी से यही बात कहता था कि यह सिर्फ घोड़ा नहीं है यह मेरे परिवार का एक सदस्य है यह कोई संपत्ति नहीं है मैं पैसे के लालच में आकर अपने परिवार के सदस्य को कभी नहीं बैच सकता रात का समय हो गया था और वह बूढ़ा आदमी और उसका बेटा दोनों ने खाना खाने के बाद वह लड़का सो गया और उसके पिताजी ढोे को सारा डाल के अपने धर के बाहर अपने बिस्तर पर सो गए
अगली सुबह जब वह बूढ़ा आदमी अस्तबल में घोड़े को लेने गया तो बूढ़े आदमी ने देखा कि घोड़ा अस्तबल में नहीं है बूढ़े आदमी ने उस घोड़े की बहुत तलाश की लोगों से भी पूछताछ की लेकिन उसका घोड़ा कहीं नहीं मिला वह बूढ़ा आदमी काफी परेशान हो गया था उसे लगता था कि उसका घोड़ा किसी ने रात में चोरी कर लिया कुछ समय बाद यह खबर पूरे राज्य में आग की तरह फैल गई कई लोग वहां आ गए थे और बातें करने लगे हमें पहले से ही पता था कि किसी दिन घोड़ा चोरी हो जाएगा
यह बूढ़ा आदमी बहुत गरीब और कमजोर है वह ऐसे अनमोल घोड़े की रक्षा कैसे कर सकता है ऊन भीड़ में से एक आदमी ने हंसते हुए कहा घोड़े के जाने जा सदमा आप बर्दाश्त नहीं कर सकते आपको बहुत दुख हुआ है वह घोड़े इकलौता आपके कमाई जा जरिया था आपका इससे बुरा भाग्य और क्या हो सकता है अगर आप घोड़े को पहले ही राजा को बेच देते तो आपको अच्छी रकम मिल जाती और आप अपना बुढ़ापा आराम से गुजारते बूढ़े व्यक्ति ने किसी की बात पर कोई जवाब नहीं दिया उसने बस इत ही कहा जो कुछ भी है सब ठीक है सच तो सिर्फ इतना है कि घोड़ा अस्तबल में नहीं है
बाकी जो होगा देखा जाएगा इस घटना के करीब दो महीने के बाद रात को वह बूढ़ा आदमी अकेला अपने घर के दरवाजे पर बैठा था तभी अचानक रात को घोड़ा वापस आ गया घोड़े को वापस देखकर वह बूढ़ा आदमी बहुत खुश था
उसने सोचा कि घोड़ा चोरी नहीं हुआ था वह जंगल में भाग गया था लेकिन आश्चर्य की बात यह थी कि घोड़े के साथ उस नस्ल के 15 और घोड़े आ गए थे फिर अगली सुबह यह खबर पूरे राज्य में जंगल की आग की तरह फैलने लगी लोग इकट्ठा होने लगे और उस बूढ़े व्यक्ति से बोले आप सही थे घोड़े का जाना कोई दुर्भाग्य नहीं था यह तो आपके लिए एक वरदान साबित हुआ है आपके पास अभी एक नहीं 15 और घोड़े हैं आपकी किस्मत अब बदल चुकी है
अब आप घोड़ों के व्यापारी बन सकते हैं वह बूढ़ा आदमी शांत रहा और बोला सच तो यह है कि घोड़े के साथ 15 और घोड़े आ गए हैं जो कुछ भी है सब ठीक है आगे जो होगा देखा जाएगा उस बूढ़े व्यक्ति के बेटे ने जंगली घोड़ों को वश में करना सीखना शुरू किया लेकिन घोड़े जंगली थे तो जल्दी वश में नहीं आ रहे थे लेकिन सिर्फ तीन दिन के बाद लड़का जंगली घोड़े पर बैठकर घोड़े को वश में करने का प्रयास कर रहा था पर वह घोड़े से नीचे गिर गया और उसे काफी जखम भी लगे थे और उसके पैर की हड्डियां टूट गई बूढ़े व्यक्ति ने देखा कि उसका बेटा नीचे गिरा पड़ा और व दर्द से चिल्ला रहा हे और फिर कुछ लोग उसे वेद जीजे पास ले गए लोग फिर इकट्ठे हुए और दुखी होकर बोले आपके साथ बहुत बुरी चीजें हुई हैं 15 घोड़े मिलना कोई आशीर्वाद नहीं था बल्कि अभिशाप था आपके इकलौते बेटे का पैर टूट चुका है
अब उसकी शादी कैसे होगी गरीब आदमी बदकिस्मत है लेकिन वह बूढ़ा आदमी लोगों की बातों से प्रभावित नहीं हुआ उस बूढ़े आदमी ने कहा सच तो यह है कि बेटे ने एक पैर खो दिया है यह भी सच है कि अब मुझे उसके बुढ़ापे में उसकी मदद करनी होगी लेकिन जो कुछ भी है सब ठीक है आगे जो होगा देखा जाएगा
कुछ समय बाद राजा के पड़ोसी दुश्मनों ने एक विशाल सेना के साथ राज्य पर हमला कर दिया राजा को अपने सेना को तैयार करने का भी समय नहीं मिला राजा की सेना अचानक हुए हमले के कारण कमजोर पड़ने लगी इसलिए राज्य के सभी युवाओं को भी ना चाहते हुए जबरदस्ती सेना में ले लिया गया राजा और उसकी प्रजा युद्ध दुश्मन का सामना कर रहे रहे और दूसरी तरफ लेकिन उस बूढ़े आदमी का बेटा बच गया क्योंकि वह लंगड़ा था लोग रोते हुए बूढ़े आदमी के घर जमा होने लगे लोगों ने उनसे कहा आप सही थे आपके बेटे का टूटा हुआ पैर आपके लिए आशीर्वाद साबित हुआ है उसे युद्ध में नहीं जाना पड़ा लेकिन हम सभी बहुत परेशान हैं हमारे बच्चे अब चले गए हैं हमें नहीं पता कि वे युद्ध से वापस आएंगे या नहीं हम सभी जानते हैं कि आप सुख और दुख में एक से रहते हैं
लेकिन आप यह कर कैसे लेते हैं बूढ़े व्यक्ति ने कहा सबसे पहले सच को समझो सच सिर्फ इतना है कि तुम्हारे बेटे मातृभूमि की सेवा करने गए हैं शायद यह तुम्हारी इच्छा नहीं थी फिर भी वे चले गए यह दुर्भाग्य है या सौभाग्य कोई नहीं जानता वह आगे बोला जब तक आप लोग चीजों को अच्छा या बुरा कहने की आदत नहीं छोड़ेंगे तब तक आप परेशान होते रहेंगे भाग्य की देखभाल क्यों करनी है अगर करना ही है तो अपने कार्यों का ध्यान रखें अपने विचारों का ध्यान रखें और खुशी से जीवन जीते रहे लाभ हानि भाग्य यह जीवन के छोटे से छोटे हिस्से हैं जिस तरह आप एक लाइन को पढ़कर पूरी किताब नहीं समझ सकते उसी तरह आप एक घटना के आधार पर यह कैसे तय कर सकते हैं कि जीवन अच्छा है या बुरा जो हमारे नियंत्रण में नहीं है हम उसके बारे में राय बनाते हैं और अर्थहीन निर्णय देकर परेशान हो जाते हैं जीवन की छोटी-छोटी घ घटनाओं के बारे में निष्कर्ष निकालने के बजाय वर्तमान पल में रहे जीवन इसी वर्तमान में है खुश रहे और अपना काम करते रहे आपको इस बात पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है कि लोग क्या कहते हैं भले ही वे आपके बारे में अच्छा या बुरा बोल रहे हो यदि आप इस बात पर ध्यान देते हैं कि लोग क्या कहते हैं तो आपका मन अपने आप बेचैन होने लगता है इसलिए आपको अपने जीवन के महत्त्वपूर्ण कार्यों पर ध्यान देना चाहिए जो आपको हमेशा आंतरिक खुशी देगा बूढ़े आदमी के शब्दों ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया शायद बूढ़ा सही था लोगों को अपने बेटों की फिक्र तो थी ही
लेकिन अब उन्हें यह उम्मीद भी थी कि वह युद्ध जीतकर वापस जरूर आएंगे साथ ही उन्होंने यह भी समझ लिया था कि जीवन में हर घटना एक कारण से होती है और अच्छे या बुरे फैसले समय के साथ बदल सकते हैं सबसे जरूरी है कि वर्तमान में जीना और अपना कर्म करते रहना और उसके बाद करीब दो दिन बाद राजा यह युद्ध जीत गया लेकिन उस युद्ध में काफी सैनिक और वह नौजवान घायल हो चुके थे सब लोग उन्हें वापस देखकर बहुत खुश थे और वह बूढ़ा आदमी और उसका बेटा दोनों वर्तमान में आराम से जिने लगे दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि लोगों की बातों पर ध्यान मत दो जितने लोग हैं उतनी बातें होती रहेंगी और हम इस दुनिया में सभी को खुश नहीं कर सकते हैं अपने आज में खुश रहो अपने प्रेजेंट टाइम में खुश रहो इसीलिए जो आपको सही लग रहा है जिसमें आपका फायदा है उस बात का अपने दिमाग के आधार पर सही फैसला लो लोग आज कुछ कहते हैं
तो कल कुछ और इसीलिए हमें लोगों पर नहीं बल्कि अपने काम पर ध्यान देना है अपनी मंजिल पर ध्यान देना है और आगे बढ़ते रहना है अगर हम इसी तरह लोगों की बातें सुनते रहे तो हम कभी भी आगे नहीं बढ़ पाएंगे और इनकी बातों में उलझ कर रह जाएंगे दोस्तों आपने आज के इस पोस्ट से क्या सीखा वह मुझे आप कमेंट में बता सकते हैं इसी के साथ में उम्मीद है कि आपको आज की पोस्ट पसंद आई होगी तो इस पोस्ट को उस इंसान को शेयर करें जिससे यह कहानी सुनने की जरूरत है
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