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शेयर की कीमत बढ़ने या घटने की भविष्यवाणी कैसे करें? :- शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए बेस्ट शेयर्स चूज कर पाने की तमन्ना तो आपकी भी होती होगी आप भी चाहते होंगे कि जिस भी शेयर में आप इन्वेस्ट करें वह सिर्फ प्रॉफिट देने वाला ही हो और आपकी चाहत कितनी बार पूरी हो सकती है और कितनी बार नहीं यह किसी जादू पर डिपेंड नहीं करता बल्कि इस बात पर निर्भर करता है कि आपने शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट को कितना समझा है आपने कितनी रिसर्च और एनालिसिस की है और कोई भी शेयर खरीदने से पहले आपने क्या देखा और क्या समझा है
शेयर की कीमत बढ़ने या घटने की भविष्यवाणी कैसे करें?
इसका मतलब है कि शेयर मार्केट का एक्सपीरियंस जो एक्साइटमेंट से भरपूर होता है वह रिस्क से भी भरा होता है तो ऐसे में जो इन्वेस्टर सिर्फ एक्साइटमेंट को फॉलो करते हुए इन्वेस्ट करते हैं उनके लिए यह रिस्क फैक्टर बहुत हाई हो जाता है और जो नॉलेज के साथ शेयर मार्केट बेसिक्स को फॉलो करते हुए इन्वेस्ट करते हैं उन्हें रिस्क मैनेज करते हुए प्रॉफिट कमाना भी आ जाता है
अब आप ही चुन लीजिए कि आप अपने लिए क्या चाहते हैं हाई रिस्क या हाई चांसेस ऑफ प्रॉफिट
क्योंकि अगर आप प्रॉफिट चाहते हैं तो उसके लिए आपको समझना होगा कि किसी भी शेयर की कीमतें कई फैक्टर से अफेक्टेड होती हैं और आपको इन फैक्टर्स की समझ होनी चाहिए तो अगर आप इन फैक्टर्स को जानना चाहते हैं और शेयर खरीदते समय राइट डिसीजन लेना चाहते हैं तो आज का यह पोस्ट आप ही के लिए है क्योंकि आज आप जानेंगे कि शेयर के प्राइस बढ़ेंगे या गिरेंगे इसका अंदाजा कैसे लगाया जाए तो फिर चलिए इसे जानने के लिए पोस्ट में आगे बढ़ते हैं आपके अपने य्हरेड वेबसाइट पर और यह जानते हैं कि शेयर की कीमतें ऊपर नीचे क्यों होती रहती है एक दिन कोई शेयर बहुत महंगा हो सकता है
अगले दिन सस्ता तो इसके पीछे कई सारे कारण या फैक्टर्स होते हैं जैसे कि कंपनी से जुड़ी न्यूज मार्केट का माहौल इन्वेस्टर्स के सेंटीमेंट्स और टेक्निकल एनालिसिस आइए इन्हें अच्छी तरह समझते हैं
नंबर एक कंपनी से जुड़ी खबरें
अगर किसी कंपनी के बारे में कोई अच्छी खबर आती है जैसे कि कंपनी ने नया प्रोडक्ट लच किया है या उसका प्रॉफिट बढ़ गया है तो इन्वेस्टर्स उस कंपनी के शेयर खरीदना शुरू कर देते हैं जिसे शेयर की कीमत बढ़ जाती है वहीं अगर उस कंपनी के बारे में कोई बुरी खबर आती है जैसे कि कंपनी को नुकसान हुआ है या कंपनी पर कोई केस चल रहा है तो लोग उस कंपनी के शेयर बेचना शुरू कर देते हैं जिससे शेयर की कीमत गिर जाती है कंपनी के मैनेजमेंट का तरीका भी शेयर की प्राइस को अफेक्ट करता है और कंपनी के प्रोडक्ट्स और सर्विसेस लोगों को कितने पसंद आते हैं
यह भी मैटर करता है इस तरह शेयर मार्केट में लिस्टेड एक कंपनी से जुड़ी खबरें उसके शेयर प्राइस को अफेक्ट करती हैं
नंबर दो मार्केट का माहौल
अगर देश की इकॉनमी अच्छी चल रही है तो ज्यादातर कंपनीज के शेयर की कीमत बढ़ जाती है लेकिन अगर इकॉनमी मंदी में है तो शेयर की कीमतें गिर सकती हैं जब इंटरेस्ट रेट बढ़ने से कंपनीज के लिए लोन लेना मुश्किल होता है तो इससे उनके प्रॉफिट पर असर पड़ सकता है और शेयर की कीमतें गिर सकती हैं वर्ल्ड लेवल पर होने वाली घटनाएं जैसे वॉर तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव या नेचुरल डिजास्टर भी शेयर बाजार को अफेक्ट कर सकती हैं
नंबर तीन पर है है इन्वेस्टर्स के सेंटीमेंट्स
इन्वेस्टर्स कैसा महसूस कर रहे हैं यह भी शेयर की प्राइस को अफेक्ट करता है अगर इन्वेस्टर्स लालच में आकर के यह सोचते हैं कि शेयर की कीमत और बढ़ेगी तो वह ज्यादा से ज्यादा शेयर खरीदना चाहते हैं जिससे शेयर की कीमत बढ़ जाती है और अगर इन्वेस्टर्स डर कर यह सोचते हैं कि शेयर की कीमत गिर जाएगी तो वह अपने शेयर बेच देते हैं जिससे शेयर की कीमत गिर जाती है
नंबर चार टेक्निकल फैक्टर्स चार्ट और मूविंग एवरेज
जैसे टेक्निकल टूल्स भी शेयर के प्राइस के बारे में बताते हैं शेयर के चार्ट को देखकर टेक्निकल एनालिस्ट यह अनुमान लगा सकते हैं कि शेयर की कीमत आगे क्या करेगी बढ़ेगी या घटेगी और मूविंग एवरेज टूल का यूज करके शेयर की कीमत के ट्रेंड का पता लगाया जा सकता है
इस तरह आपने यह समझ लिया है कि शेयर की कीमतें बढ़ने घटने के कई सारे रीजंस होते हैं जिन पर ध्यान देकर इन्वेस्ट किया जाए तो रिस्क को मैनेज किया जा सकता है और अब समझते हैं कि इन्वेस्टमेंट से पहले यह जानने के लिए कि शेयर की कीमत बढ़ेगी या गिरेगी आप क्या-क्या कर सकते हैं
आइए जानते हैं नंबर एक कंपनी के बारे में अच्छी तरह जानिए
मान लीजिए कि आप एक नई कार खरीदना चाहते हैं तो आप सिर्फ कार के कलर और मॉडल को देखकर तो नहीं खरीदेंगे है ना बल्कि उसके इंजन माइलेज सेफ्टी फीचर्स और उस कंपनी की सर्विस के बारे में भी जानना चाहेंगे ठीक इसी तरह जब आप शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं तो आप किसी कंपनी का एक छोटा सा हिस्सा खरीदते हैं और इसलिए आपको उस कंपनी के बारे में अच्छी अच्छी तरह गहराई से जानना चाहिए इसके लिए आपको पता होना चाहिए कि वह कंपनी क्या करती है कौन स प्रोडक्ट्स या सर्विसेस सेल करती है उसे मार्केट में आए कितना टाइम हुआ है उसका प्रॉफिट कितना है क्या उस पर कोई कर्जा है उसके मेन कंपट र्स कौन हैं और कंपनी फ्यूचर में क्या करने वाली है
एक कंपनी के बारे में यह सब जानने से आपको बहुत फायदा होगा क्योंकि इस नॉलेज के बेस पर आप उन कंपनीज को चुन सकते हैं जो लंबे समय में अच्छा परफॉर्म कर सकती हैं और उन कंपनियों से दूर भी रह सकते हैं जो ज्यादा रिस्क वाली हैं और कंपनी के बारे में जानने के लिए आप उस कंपनी की एनुअल रिपोर्ट को पढ़ सकते हैं उसकी वेबसाइट से भी आपको बहुत सारी जानकारियां मिल जाएंगी कई ब्रोकरेज फर्म्स कंपनीज के बारे में रिपोर्ट जारी करती हैं आप उन्हें देख सकते हैं और अच्छी जानकारियां लेकर शेयर खरीदने से लेकर बेचने तक का एक अच्छा डिसीजन भी ले सकते हैं
नंबर दो मार्केट एनालिसिस कीजिए
कोई भी बड़ी खरीददारी जैसे कि गोल्ड खरीदने से पहले आप मार्केट में गोल्ड के प्राइसेस और क्वालिटी के बारे में अच्छी तरह जांच पड़ता तो करते ही हैं तो फिर ऐसा शेयर के मामले में भी आपको करना होगा यहां मार्केट एनालिसिस का मतलब है शेयर मार्केट के बारे में जानकारियां इकट्ठा करना और उसकी स्टडी करके यह अनुमान लगाना कि फ्यूचर में शेयर की कीमतें किस तरह बदल सकती हैं यह एनालिसिस आपको बताता है कि कौन से शेयर खरीदने लायक हैं और कौन से नहीं मार्केट में कौन से रिस्क मिल सकते हैं इसका अंदाजा भी आपको हो जाता है जिससे आप अपने इन्वेस्टमेंट को सिक्योर रख सकते हैं और सही शेयर चुनकर फ्यूचर में मुनाफा भी कमा सकते हैं
इसलिए शेयर खरीदने से पहले मार्केट एनालिसिस जरूर करें और इसके लिए आप न्यूज़ के जरिए मार्केट कंपनीज और इंडस्ट्रीज के बारे में जानकारियां ले सकते हैं एक्सपर्ट्स की राय जान सकते हैं लास्ट मार्केट के डाटा को देखकर फ्यूचर को प्रिडिक्ट भी कर सकते हैं और कंपनी की कंडीशन से भी अंदाजा लगा सकते हैं
नंबर तीन इन्वेस्टर्स के सेंटीमेंट्स को जानिए
अगर यह जान लिया जाए कि इन्वेस्टर्स क्या सोच रहे हैं मार्केट के फ्यूचर के बारे में उनका क्या अनुमान है तो सही इन्वेस्टमेंट डिसीजन लेना काफी आसान हो जाता है इसके लिए आप फियर एंड ग्रीड इंडेक्स की मदद ले सकते हैं यह ऐसा टूल होता है जो इन्वेस्टर्स के सेंटीमेंट्स को मेजर करता है यह इंडेक्स इन्वेस्टर्स के बिहेवियर को उनके दो मेन सेंटीमेंट्स यानी कि डर और लालच के बेस पर मेजर करता है और यह सेंटीमेंट्स मार्केट के उतार चढ़ाव को काफी हद तक अफेक्ट करते हैं
इसलिए इसके बारे में भी जरूर जानकारी रखिए और सोशल मीडिया और फाइनेंशियल न्यूज़ वेबसाइट्स को देखकर भी आप मार्केट कंडीशन के बारे में लोगों की फीलिंग्लेस कीजिए शेयर प्राइस का अंदाजा लगाने में कई टेक्निकल टूल्स आपकी मदद कर सकते हैं जैसे कैंडलेस्टिक और मूविंग एवरेज यह सच है कि टेक्निकल टूल्स को समझने के लिए पहले उन्हें लर्न करना जरूरी है
लेकिन अगर आप इनके बेसिक्स को लर्न कर लेते हैं और फिर अप्लाई करें तो आपको काफी हद तक सही प्रेडिक्शन मिल सकते हैं इनमें कैंडलिंग चार्ट हम हमें बताता है कि एक दिन में किसी शेयर की कीमत कितनी ऊपर या नीचे गई अगर ग्रीन कैंडल है तो इसका मतलब है कि दिन के एंड में शेयर की कीमत ज्यादा थी यानी खरीददारों ने ज्यादा खरीददारी की वहीं अगर कैंडल रेड है तो इसका मतलब है कि दिन के अंत में शेयर की कीमत कम थी यानी सेलर्स ने ज्यादा बिक्री की इस तरह कैंडलेस्टिक को समझकर इससे काफी अच्छे रिजल्ट लिए जा सकते हैं और इस पर एक डिटेल पोस्ट आपको इस चैनल पर मिल जाएगा
इसलिए उस पोस्ट के जरिए कैंडलेस्टिक के बारे में आप अच्छी तरह जान सकते हैं और अब जाने मूविंग एवरेज के बारे में तो यह लाइन चार्ट्स कैंडलेस्टिक चार्ट्स और बार चार्ट्स में एक लाइन की तरह दिखाई देती है और यह हमें बताती है कि पिछले कुछ दिनों में शेयर की कीमत क्या कर रही है यह हमें समझने में मदद करती है कि शेयर की कीमत किस दिशा में जा रही है यानी इसे देखकर मार्केट और शेयर के बारे में काफी कुछ समझा जा सकता है जब शेयर की कीमत मूविंग एवरेज के ऊपर होती है
तो यह बताता है कि पिछले कुछ दिनों में कीमतें लगातार बढ़ रही है और फ्यूचर में भी बढ़ने की पॉसिबिलिटीज हैं और जब शेयर की कीमत मूविंग एवरेज के नीचे होती है तो यह बताता है कि पिछले कुछ दिनों में कीमतें लगातार गिर रही हैं और फ्यूचर में भी गिरने की पॉसिबिलिटीज हैं तो इस तरह कैंडलेस्टिक और मूविंग एवरेज जैसे टेक्निकल टूल्स का यूज करना सीखकर आप शेयर प्राइस के बारे में काफी कुछ बेहतर तरीके से जान सकते हैं इसलिए किसी भी शेयर में अपनी मेहनत की कमाई इन्वेस्ट करने से पहले नॉलेज लेने में भी थोड़ी मेहनत कर ही लीजिए कंपनी के बारे में जानिए
मार्केट को समझिए इन्वेस्टर्स के सेंटीमेंट्स का पता लगाइए और बेसिक टेक्निकल एनालिसिस करना भी शुरू करें क्योंकि जहां एफर्ट्स होते हैं वहां रिजल्ट के बेहतर होने के चांसेस भी हाई होते हैं और इस तरह अब आप जान चुके हैं कि शेयर का प्राइस ऊपर नीचे होना कोई जादू नहीं है बल्कि बहुत से फैक्टर्स का इफेक्ट है और इन फैक्टर्स को समझकर सही तरह से एनालिसिस करके आप भी शेयर प्राइस प्रिडिक्ट कर सकते हैं और अपने लिए सही शेयर चुनकर प्रॉफिट गेन कर सकते हैं यह भी याद रखें कि शेयर मार्केट किसी भी चीज की कोई गारंटी नहीं देता इसलिए थोड़ा रिस्क तो आपको लेकर चलना ही होगा और अगर आप शेयर मार्केट में नए हैं तो फाइनेंशियल एडवाइजर की हेल्प लेने में भी चि चकिए मत तो इसी के साथ यह जानकारी यह पोस्ट यहीं पर कंप्लीट होता है इसके बारे में आपकी क्या राय है कमेंट सेक्शन में जरूर बताइएगा और अगर लाइक कर दिया है तो ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ इसे शेयर करना बिल्कुल ना भूले बाकी आपको कोई सवाल है तो लिख भेजिए आपका प्यार और सपोर्ट हमेशा की तरह बनाए रखिए तब तक के लिए मैं संदीप आपसे कहूंगी हम मिलेंगे जल्दी ही और ऐसी पोस्ट के साथ तब तक के लिए सब्सक्राइब कर लीजिए य्हरेड वेबसाइट को अपडेट रहिए ग्रो करते रहिए धन्यवाद